आर्मेन‍िया और फिलीपीन्‍स में भारत ने पहली बार यूं ही नहीं तैनात किया डिफेंस अताशे, होगा मालामाल! जानें प्‍लान

India Military Attaches Armenia: भारत ने मध्‍य एशियाई देश आर्मेनिया और दक्षिण पूर्वी एशियाई देश फिलीपीन्‍स में डिफेंस अताशे तैनात करने का फैसला किया है। यह तैनाती ऐसे समय पर की जा रही है जब इन दोनों देशों ने भारत से जमकर हथियार खरीदने शुरू किए हैं। आर्मेनिया ने जहां पिनाका रॉकेट तो फिलीपीन्‍स ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है।

भारत सरकार दुनिया में सैन्‍य कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए कई अफ्रीकी देशों के साथ-साथ आर्मीनिया और फिलीपीन्‍स में पहली बार डिफेंस अताशे तैनात कर रही है। रक्षा हलकों में आर्मेन‍िया और फिलीपीन्‍स के अंदर डिफेंस अताशे की तैनाती को भारत के लिए बड़े फायदे का सौदा बताया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि आर्मेन‍िया और फिलीपीन्‍स दोनों ने ही भारत के साथ अरबों रुपये का हथियार समझौता किया है। आर्मेन‍िया जहां भारत से पिनाका रॉकेट सिस्‍टम, तोप और अन्‍य हथियार खरीद रहा है, वहीं फिलीपीन्‍स ने ब्रह्मोस मिसाइल भारत से खरीदी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में ये दोनों ही देश और ज्‍यादा हथियार भारत से खरीद सकते हैं।

दरअसल, साल 2022 में फिलीपीन्‍स ने 37 करोड़ 50 लाख डॉलर में ब्रह्मोस मिसाइल की तीन बैट्री खरीदने का समझौता भारत के साथ किया था। इस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्‍त रूप से विकसित किया है। ठीक इसी साल आर्मेन‍िया ऐसा पहला व‍िदेशी खरीदार बना था जिसने भारत से पिनाका रॉकेट लॉन्‍चर सिस्‍टम को खरीदा था। दरअसल, भारत सेना, नेवी और एयरफोर्स से जुड़े कई अधिकारियों को रूस में तैनात रखता है ताकि हथियारों की डील को अंजाम दिया जा सके। हाल तक ऐसे अधिकारियों की संख्‍या 10 थी जिसमें 4 नेवी से होते थे।

वहीं अजरबैजान अब तुर्की और पाकिस्‍तानी हथियारों की मदद से आर्मेन‍िया को धमका रहा है। इसी वजह से अब आर्मेन‍िया बड़े पैमाने पर भारत और फ्रांस से हथियार खरीद रहा है। डिफेंस अताशे इस पूरी प्रक्रिया को और आसान कर सकते हैं। वहीं फिलीपीन्‍स चीन की धमकियों का सामना कर रहा है। भारत ने हाल ही में खुलकर फिलीपीन्‍स की संप्रभुता का समर्थन किया था। फिलीपीन्‍स के बाद अब अन्‍य दक्षिण एशियाई देश भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने पर व‍िचार कर रहे हैं। इससे भारत का हथियार न‍िर्यात बढ़ सकता है। भारत का अगले 5 साल में 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार के निर्यात का लक्ष्‍य है।

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